संयुक्त राष्ट्र संघ एवं श्रीरामचन्द्र मिशन हार्टफुलनेस संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अखिल भारतीय निबन्ध लेखन प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण समारोह सोमवार को सूचना केन्द्र में आयोजित हुआ। इसमें राजस्थान में प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक विजेता खुशी वैष्णव सहित दस सर्वश्रेष्ठ निबन्धों में स्थान पाने वाले चन्द्र प्रकाश एवं अशिता मालोडिया को भी सम्मानित किया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ सूचना केन्द्र भारत एवं भूटान तथा श्रीरामचन्द्र मिशन हार्टफुलनेस संस्थान के द्वारा अखिल भारतीय निबन्ध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन 2018 में किया गया था। इस प्रतियोगिता में उत्कृष्ट लेखन करने वालों को समारोह में सम्मानित किया गया। यह प्रतियोगिता दो ग्रुपों में होती है। प्रथम श्रेणी कक्षा 9 से 12 तक तथा दूसरी श्रेणी महाविद्यालयी विद्यार्थियों के लिए होती है। इस शैक्षणिक सत्र के विषय दिल के विवेक पर आधारित रहे। प्रथम श्रेणी के लिए चाल्र्स बी डिंकन के कथन एक विवेक दिमाग का होता है और एक विवेक दिल का होता है एवं द्वितीय श्रेणी के लिए रविन्द्र नाथ टैगोर के कथन सिर्फ तर्क करने वाला दिमाग एक ऐसे चाकू की तरह है जिसमें सिर्फ धार है, वह प्रयोगकर्ता के हाथ रक्तमय कर देता है रखे गये थे। इन विषयों पर समस्त भारत के विद्यार्थियों ने अपने विचार हिन्दी, अग्रेंजी अथवा स्थानीय भाषा में लिखे थे। इस निबन्ध लेखन प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों में आपसी भाईचारा, मानवीय सद्गुणों, नैतिक मूल्यों तथा आध्यात्मिकता में वृद्धि करना है। देश के लगभग 14 हजार 500 शैक्षणिक संस्थाओं के लगभग 2 लाख विद्यार्थियों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। खुशी वैष्णव, चन्द्र प्रकाश एवं अशिता मालोडिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए। चन्द्र प्रकाश ने कहा कि अगला विश्व युद्ध शस्त्रों से नहीं शास्त्रों से लड़ा जाना चाहिए। इसमें भारत विश्व गुरु बनकर उभरेगा। वैष्णव टीवी न्यूज़, 15 जनवरी, 2018
Uploded : 09:31 AM 16 Jan 2019