आद्य जगतगुरु श्री रामानंदाचार्य के 718 वे प्राकट्योत्सव के शुभ अवसर पर वैष्णव समाज मरका मण्डल के द्वारा श्रीमती श्यामादेवी वैष्णव श्री राम जानकी जमात मंदिर पंडरिया के सौजन्य एवं महन्त श्री सन्तोष वैष्णव एवं गोविंद दास वैष्णव(अध्यक्ष) के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में दिनाँक 08 जनवरी 2018 को आद्य जगतगुरु श्री रामानंदाचार्य जयन्ती एवं वैष्णव समाज युवा महोत्सव का आयोजन धूमधाम के साथ किया गया। जिसमें पूरे छत्तीसगढ़ से हजारों की संख्या में वैष्णव परिवार सम्मिलित हुए।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महामहिम राष्ट्रपति द्वारा भामाशाह पुरुस्कार से सम्मानित राजराजेश्री महामंडलेश्वर डॉ महन्त श्री रामसुन्दर दास जी (श्री दूधाधारी मठ रायपुर) ने वैष्णव समाज को सम्बोधित करते हुए श्री रामानंदाचार्य के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री रामानंदाचार्य मध्यकालीन भक्ति आंदोलन के महान संत माने जाते है। उन्होंने रामभक्ति की धारा को समाज के निचले तबके तक पहुंचाया। वे पहले ऐसे आचार्य हुए जिन्होंने उत्तर भारत में भक्ति का प्रचार किया। उनके बारे में प्रचलित कहावत है कि - *द्वविड़ भक्ति उपजौ-लायो रामानंद।* यानि उत्तर भारत में भक्ति का प्रचार करने का श्रेय स्वामी रामानंद को जाता है। उन्होंने तत्कालीन समाज में ब्याप्त कुरीतियों जैसे छूयाछूत, ऊंच-नीच और जात-पात का विरोध किया। वैष्णवों समाज का इतिहास गौरवपूर्ण रहा है छत्तीसगढ़ में भी वैष्णव राजाओ का सुशासन रहा परंतु आज वर्तमान समय मे स्थिति विपरीत है और वर्तमान समय मे वैष्णव समाज को यथोचित सम्मान प्राप्त नही हो रहा है जिसके वे वास्तविक हक़दार है। विगत कुछ वर्षों से पूरे छत्तीसगढ़ के वैष्णव समाज मे एक नई जोश, एक नई ऊर्जा एवं एकता दिखाई दे रहा है हजारों की संख्या में कार्यक्रम में उपस्थित वैष्णव बंधुओं ने ये आह्वान किया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में हमारे वैष्णव समाज से कम से कम 10 प्रत्याशी को उम्मीदवार बनाया जाए एवं छत्तीसगढ़ के समस्त वैष्णव समाज उसका एकमत से समर्थन करे। जिसका पूरे वैष्णव समाज ने एक साथ करतल ध्वनि से स्वागत किया। इस आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता ये रही ही वैष्णव समाज के विभिन्न संगठन, विभिन्न विचारधारा के लोग एक ही मंच पर उपस्थित होकर पूरे वैष्णव समाज को एकता का संदेश दिए तथाआने वाले समय मे पूरे वैष्णव समाज का एक ही संगठन होने का संकेत भी प्रदान किया। जिसका पूरे वैष्णव समाज ने जोरदार स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत श्री रामजानकीजी , हनुमानजी की पूजा अर्चना से की गई। वैष्णवों के गौरव निशान पट पूजन किया गया।ततपश्चात भव्य शोभायात्रा श्री रामानंदाचार्य जी की दिव्य झाँकी एवं बाजे गाजे के साथ पंडरिया नगर भ्रमण करते हुए निकाली गई गयी । अतिथियों के स्वागत पश्चात विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित श्रीमती अन्नपूर्णा वैष्णव (प्रदेश अध्यक्षा श्री वैष्णव महासभा), श्री शिवकुमार वैष्णव(प्रदेश अध्यक्ष छ ग वैष्णव महासभा) , श्री लखनदास वैष्णव(राष्ट्रीय महासचिव),श्री राकेश वैष्णव(रिसदा), महन्त रामबली दास शास्त्री , श्री अनिल वैष्णव(नगर पालिका अध्यक्ष मूँगेली) , महन्त श्री सुरेन्द्र वैष्णव(डोंडा), महन्त श्री श्यामसुंदर दास,श्री गोविंद दास वैष्णव (कुण्डा) श्री निर्मल वैष्णव, श्री मती कमला वैष्णव(अध्यक्षा महिला प्रकोष्ठ) के उद्बोधन के पश्चात युवक युवती परिचय सम्मेलन का भी आयोजन किया गया जो मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। कार्यक्रम में उपस्थित समस्त भगवताचार्यो, पुजारियों का सम्मान प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह के रूप में श्रीमद भागवतपुराण भेंट कर किया गया। एवं साथ ही शिक्षा, साहित्य , चिकित्सा, राजनीति , खेल आदि में विशेष उपलब्धि प्राप्त करने वाले युवा प्रतिभाओं का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्री मनोज वैष्णव(पिपरिया)ने किया। कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महन्त संतोष वैष्णव के आभार प्रदर्शन के साथ किया गया। उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने मेंश्री चिंतामणि वैष्णव(दुर्ग), श्री मनमोहन वैष्णव, श्री नरेन्द्र वैष्णव, श्रीमती मनोरमा वैष्णव, श्रीमती मधु किशोरी वैष्णव,श्री राजकुमार वैष्णव, श्री मोहन वैष्णव, श्री सतीश वैष्णव, श्री आदित्य वैष्णव, श्री प्रणव वैष्णव, श्री इशान वैष्णव, श्री दीक्षित वैष्णव, श्री चंद्रदीप वैष्णव, श्री देवेश वैष्णव, श्री अनुज वैष्णव, श्री संजय वैष्णव, श्री उत्तर वैष्णव, श्री स्कन्द वैष्णव, श्री अशोक वैष्णव , श्री श्याम नरेश वैष्णव, श्री नारद वैष्णव, श्री नंदकिशोर वैष्णव, श्री सागर वैष्णव, श्री हनुमान वैष्णव, श्री बोधन वैष्णव सहित समस्त वैष्णव परिवार का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
Uploded : 09:34 PM 10 Jan 2018